Thursday, August 5, 2010

shi

शिखर छू लेने ·ी तमन्ना
शिखर ·ो छू लेने ·ी तमन्ना हर इंसान रखता है, पर यहां
त· पहुंचने ·ा हौसला अधि·ांश लोगों ·े ·ुछ दूरी तय
·रने ·े बाद पस्त हो जाते हैं. बचे ·ुछ लोग जिन·ा ए·
ही लक्ष्य हो, तो प्रतिस्पर्धा होने लगती है. विभिन्न बाधाओं
·ो तय ·रने और शिखर पर पहुंचने ·े दो ही रास्ते बचते
हैं. ए·- लगन और परि ाम. दूसरा- गलत लोगों ·ा सहारा
ले उन·े ·ंधों ·ा इस्तेमाल ·र बगैर मेहनत ·िये लक्ष्य
हासिल ·र लेना. दोनों अपने-अपने तरी·े से आगे बढ़
जाते हैं, जिसमें पहले व्यक्ति ·े जीवन में शांति और शु·ुन
है तो दूसरे में और-और-और ·ी हसरत. दूसरा व्यक्ति
पहले से यादा लो·प्रियता हासिल ·र लेता है यों·ि वह
अपनी जबान से अपने गूर्गों ·ो ·ाबू में रखता है. यही
लो·प्रिय व्यक्ति जब अपनों जो उस·े गलत ·ामों से हाथ
खींच लेता है, तो अपने शैतानी दिमाग ·ा इस्तेमाल ·र
अपने ही बिछाये जाल में फंस जाता है.
·ुछ ऐसा ही गुजरात ·े पूर्व गृह रा य मं ाी अमित शाह ·े
साथ हो रहा है. सोहराबुद्दीन शेख वही है, जो ·भी शाह ·े
खासम-खास हुआ ·रते थे. पुलिस, सोहराबुद्दीन और शाह
·ी ति·ड़ी ने वैध-अवैध दोनों तरी·े से रा य में शांति
बनाये रखने ·े नाम पर अने· खेल खेले, पर जब
सोहराबुद्दीन ·ो लगने लगा ·ि अपना अलग गैंग बना ·र
भी आर्थि· और सामाजि· दबदबा बनाया जा स·ता है,
तो उसने तुलसी प्रजापति ·े साथ मिल ·र शाह ·ा साथ
छोड़ ·ाम ·रना शुरु ·र दिया. शाह ·ो यह सब पसंद
नहीं आया और उ होंने पुलिस विभाग ·े आला
अधि·ारियों ·ो वह खतरना· ·ाम सौंपा ·ि 5 साल बाद
उ हें यायि· हिरासत में आज रहना पड़ रहा है. उस पर
जो बदनामी हो रही है सो अलग.
बिछाये गये जाल ·े तहत 26 नव बर 2005 ·ो गुजरात
पुलिस ·े आतं·वादी विरोधी दस्ते (एटीएस) और
राजस्थान पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ ·ा सहारा ले·र
सोहराबुद्दीन ·ो मौत ·े ााट उतार दिया और उसे चरमपंथी
·रार दे दिया. इतना ही नहीं सोहराबुद्दीन ·ी पत्नी ·ौसर
बी ·ी ह या ·र उस·े शव ·ो निशान न मिले इसलिए
जला दिया. सोहराबुद्दीन ·े साथी तुलसी प्रजापति ·ा भी
वही ह ा हुआ.
इसी फर्जी मुठभेड़ ने जब तुल प·ड़ा तो गुजरात सर·ार
·ो मामले ·ी जांच ·े आदेश देने पड़े और जांच रिपोर्ट में
यह स्पष्टï हो गया ·ि यह फर्जी मुठभेड़ ही है, तो तीन
आईपीएस अधि·ारी डी. जी. वंजारा, राज·ुमार पांडियन
और दिनेश ·ुमार एम. एन. ·ी गिर तारी हुई. फर्जी
मुठभेड़ होना स्पष्टï होते ही सोहराबुद्दीन ·े भाई रुबाबुद्दीन ने
सुप्रीम ·ोर्ट में मामला दायर ·र याय ·ी गुहार लगायी.
जस्टिस तरु ा चटर्जी और आफता आलम ·ी विशेष
खंडपीठ ने तब गुजरात सर·ार ·ो निर्देश दिया ·ि
सोहराबुद्दीन ·े परिवारवालों ·ो गुजरात सर·ार मुआवजा
दे. इस खंडपीठ ने मुआवजे ·ी राशि तय नहीं ·ी. मामला
·ोर्ट में चल ही रहा था ·ि रुबाबुद्दीन ·ी तरफ से उन·े
व·ील एजाज अहमद ने ·ोर्ट ·ो यह आदेश देने अपील
·ी ·ि इस फर्जी मुठभेड़ ·ी जांच सीबीआई से ·रायी
जाए और सुप्रीम ·ोर्ट में सोहराबुद्दीन ·ी पत्नी ·ौसर बी
·ो अदालत में पेश ·िया जाए. सुप्रीम ·ोर्ट में गुजरात
सर·ार ·ी तरफ से उपस्थित व·ील ने स्वी·ार ·िया ·ि
सोहराबुद्दीन ·ी पत्नी ·ौसर बी ·ी ह या हो चु·ी है और
उन·े शव ·ो जला दिया गया है. ऐसे में ·ोर्ट ने जांच ·े
लिए सीबीआई ·ो मामला सौंप दिया.
सीबीआई ·े सुपुर्द मामला आते ही जांच शुरु हो गई. फर्जी
मुठभेड़ होना स्पष्टï हो गया यों·ि सोहराबुद्दीन ·े अलावा
उन·ी पत्नी ·ौसर बी और तुलसी प्रजापति ·ो ए· बस
स्टै ड से अगवा ·िया गया था. पहले सोहराबुद्दीन ·ो मारा
गया पश्चात उन·ी पत्नी ·ौसर बी ·ी ह या ·ी गई और
उस·े ए· साल बाद तुलसी प्रजापति ·ो भी मुठभेड़ में
मार डाला गया. इस·े अलावा साबीआई ·े हाथों एटीएस
और अमित शाह ·े खिलाफ अने· सबूत मिले. इन सबूतों
·े आधार पर अमित शाह ·ो सीबीआई ·े सामने पेश होने
·हा गया. अमित शाह ने प ा·ारों ·े समक्ष अपनी दलील
पेश ·रने ·े बाद धोष ाा ·ी ·ि मैं वहां जाऊंगा, पर एन
वक्त पर वे सीबीआई ·े सामने पेश नहीं होने ·ा फैसला ले
लिए.
अमित शाह ने अपने व·ील मितिश अमिन ·ो सीबीआई
·े सामने पेश ·िया. उन·े व·ील अमीन ने अग्रिम
जमानत ·ी याचि·ा पेश ·ी और सीबीआई से अनुरोध
·िया ·ि अमित ·ो पेश होने ·े लिए समय दे तथा यह
मामला पुराना है इसलिए सीबीआई प्रश्नावली बना ·र दे,
जिसे सीबीआई ने इं·ार ·र दिया. अब इस मामले में दो
प्रमुख दल आमने-सामने आ गया है. भाजपा अपने नेता ·े
बचाव ·े लिए सामने आ गई है और आरोप लगा रही है
·ि ·े द्र ·ी यूपीए सर·ार सीबीआई ·ा दुरुपयोग ·र रही
है. और इसीलिए भाजपा ने प्रधान मं ाी मनमोहन सिंह द्वारा
आयोजित दोपहर भोज ·ा बहिष्·ार ·र दिया. शाह ·े
बचाव ·े लिए सबसे पहले सुषमा स्वराज फिर अरु ा
जेठली और अब अ य भाजपा नेता आगे आ गए हैं.
इस बीच अमित शाह ने 23 जुलाई 2010 शु·्रवार ·ो
अपनी अग्रिम जमानत याचि·ा खारिज होने ·े बाद
शनिवार 24 जुलाई ·ो इस्तीफा दे दिया, जिसे गुजरात ·े
मु य मं ाी नरे द्र मोदी ने स्वी·ार लिया. सीबीआई ने
अमित शाह ·े अलावा ·ई वरिष्ठï पुलिस अधि·ारियों और
2 बैं· अधि·ारियों सहित 15 लोगों ·े खिलाफ अरोप-
प ा दाखिल ·िया है तथा 2 सिपाहियों और ए· सब
इंस्पे टर ·ो इस मामले से अलग ·रते हुए आरोप-प ा से
उन·ा नाम हटा लिया है.
इस्तीफा देने ·े बाद 46 वर्षीय अमित शाह रविवार 24
जुलाई 2010 ·ी सुबह 11.50 मिनट पर नाट·ीय अंदाज में
अहमदाबाद स्थित पार्टी ·ार्यालय में चल रही प्रेस वार्ता में
उपस्थित हो गए और इस·े तुरंत बाद सीबीआई ·े समक्ष
आ मस र्प ा ·र दिया. सीबीआई ने शाह ·ो अतिरिक्त
मु य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ए. वाई. दवे ·े निवास में पेश
·िया जहां से उ हें 14 दिनों ·ी यायि· हिरासत में
(7अगस्त त·) भेजा गया. उधर गुजरात ·े पूर्व पुलिस उप
अधीक्ष· एम. ·े. अमीन जो 2007 से गिर तार हैं, ने फर्जी
मुठभेड़ मामले में सर·ारी गवाह बनने ·ी अर्जी लगा·र
पूर्व गृह रा य मं ाी शाह ·ी मुश्·िलें बढ़ा दीे हैं.
गिर तार शाह और उन·ी पार्टी ·े वरिश्ठ नेता शाह ·े
बचाव में लग गये हैं. शाह स्वयं सभी अरोपों ·ो मनगढ़त,
राजनीति से प्रेरित और ·ांग्रेस ·े ·हने पर तैयार झूठ ·ा
पुलिंदा ·हा है. वे ·हते हैं मैं भगोड़ा नहीं हूं. 22 जुलाई
·ी दोपहर 11 बजे मुझे समन भेज·र 1 बजे पेश होने ·हा
गया. पहले मुझे सोचने ·ा मौ·ा नहीं दिया बाद में मेरा
पक्ष सुने बिना आरोप-प ा पेश ·र दिया. यायपालि·ा पर
मेरा पूरा विश्वास है. मैं सभी आरोपों से मुक्त हो जाऊंगा.
सीबीआई मुझसे जो भी पूछताछ ·रेगी उस·ी
वीडियोग्राफी होनी चाहिए.
अब भाजपा सीबीआई पर अंगुली उठा रही है और ·ह रही
है ·ि सीबीआई ·ी ·मान ·ांग्रेस ·े हाथों में है. इस
बयान से दुखी हो·र प्रधान मं ाी ·ो ·हना पड़ा शाह ·ी
गिर तारी में सर·ार ·ी ·ोई भूमि·ा नहीं है. अब चूं·ि
पार्टी विशेष ·े स ाासीन मं ाी पर सीधे-सीधे आरोप सि द
होने लगा है, तो भाजपाई रा य सभा औेर लो· सभा ·ी
·ार्यवाही पर विध्र डाल·र उन प्रमुख मुद्दों ·ो दर·िनार
·रने ·ी ·ोशिश ·र रहे हैं, जिस पर बहस ·िया जाना
जरुरी है. भाजपा महंगाई ·ो मु य मुद्दा बना·र दोनों सदनों
·ी ·ार्यवाही ·ो बंद ·रवा दी है. वह पा·िस्तान और
·श्मीर मुद्दे ·ो उछालना चाह रही है, ता·ि गुजरात ·े पूर्व
गृह रा य मं ाी अमित शाह मामले पर बहस हो ही न स·े
वहीं ·ांग्रेस इसे सामने लाने ·े प्रयास में हैै.
जो भी हो यदि ·िसी ने अपराध ·िया है और वह साबित
होता है, तो उसे सजा दी जानी चाहिए चाहे वह ·ितने भी
बड़े ओहदे में बैठा यों न हो. याय प्र ााली भारत ·े हर
नागरि· ·े लिए ए· समान है. इसे राजनीति· रुख न
दे·र लाभ लेने ·ी ·ोशिश नहीं ·ी जानी चाहिए. अखिर
शाह भी तो यही ·ह रहे हैं ·ि मैं सभी आरोपों से मुक्त हो
जाऊंगा, तो उ हें अपने दम पर लडऩे दिया जाए. इसे भुनाने
·ी ·ोशिश यों हो रही है. या इसलिए ·ि अमित शाह
और गुजरात ·े मु य मं ाी नरे द्र मोदी ·ी आपस में खूब
पटती है?
शशि परगनिहा
--------

No comments:

Post a Comment