Thursday, August 5, 2010

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फ्रे डशिप-डे पर गु डागर्दी
0 बजरंगियों और धर्म सैनि·ों ने ·िया छ ाीसगढ़ ·ो
शर्मसार
शर्म आती है हमें ·ि हम उस नये रा य ·ी राजधानी में
रहते हैं, जहां संस्·ृति ·े नाम पर ·ुछ बजरंगी और धर्म
सैनि·ों ने फे्र डशिप-डे ·े दिन ऐसी हर·तें ·ी ·ि
मीडिया ·ी बदौलत पूरे देश में इस बेहया हर·त से
छ ाीसगढ़ रा य ·ी थू-थू होने लगी. हर देखने, पढऩे और
सुनने वाले ·े दिलो-दिमाग में अने· प्रश्र उठे और 99.9
प्रतिशत लोगों ने इन धर्म ·े ठे·ेदारों ·ी ·रतूतों ·ो
अस्वी·ार दिया.
ाटना बहुत छोटी है ले·िन इस·े बाद दिलो-दिमाग पर
असर खतरना· है. अधि·ांश लोग दबी जबान से ऐसे धर्म
·े ठे·ेदारों ·ो बेदम मारने त· ·ी बात ·ह रहे हैं यों·ि
जिन लोगों ने रविवार 1 अगस्त ·ो फ्रे डशिप-डे पर सरे
आम युवतियों से छेड़छाड़ और मारपीट ·ी, लड़·े-
लड़·ियों ·े चेहरों पर ·ालिख पोता और दौड़ा-दौड़ा ·र
मारा, लड़·ियोंं ·े बालों में क्वि·-फि स लगाया तथा
लड़·ों ·ा मूंडन ·िया, वह छ ाीसगढ़ ·ी जनता ·े लिए,
रा य सर·ार सहित भारतीय संस्·ृति पर ·ालिख पोतने से
·म नहीं है. उस पर इन·ी उद डता देखिये ·ि सरे आम
इन·े प्रमुख ·र्ताधर्ता ·ह रहे हैं आगे से भी यदि ऐसा ही
पाश्चा य संस्·ृति ·ा अनुसर ा युवा प्रेमी ·रेंगे तो
फ्रे डशिप-डे और वेले टाइन-डे ·ा दिन हम इ हें मनाने
नहीं देंगे यों·ि ये रेस्तरा, बाग-बगीचे, शॉपिंग मॉल ,
सिनेमा हॉल में अश्लील हर·तें ·रते हैं, जो स य समाज
·े लोगों ·े देखने लाय· नहीं होता. प्रश्र उठता है ·ि या
·ोई ऐसे सार्वजनि· स्थलों में अश्लील हर·तें ·र स·ता
है? दो युवा जोड़ी इस दिन ·ो अपनी तरह से अपने
आर्थि· स्थिति ·ो देखते हुए सेलीब्रेट ·रने ·े लिए जगह
·ा चुनाव ·रते हैं और आपस में दो यार भरी बातें ·र
·ुछ खा-पी·र अपने-अपने ारों ·ो लौट जाते हैं. जब·ि
ये धर्म ·े ठे·ेदार भारतीय संस्·ृति ·े नाम पर अपने अंदर
·े फस्ट्रेशन ·ो डंडे एवं अपनी ता·त ·े बल पर नि·ालते
हैं. यदि इन·े स्वयं ·े चरि ा ·ो देखें, तो आप पायेंगे ·ि
ये विभिन्न तरह ·े नशे ·े आदी होते हैं. लड़·े लड़·ियों
·े साथ ·ोई छेड़छाड़ न ·र दें, ·े नाम पर लड़·ियों पर
·ड़ी नजर रखते हैं और समय आने पर इ हीं लड़·ियों से
अपने प्रेम ·ा इजहार ·रने लगते हैं. अगर लड़·ी इ हें
ाास नहीं डालती, तो ये वो ·र जाते है, जिस·ी ·ल्पना
हम और आप नहीं ·र स·ते. ए· अच्छी भली हसती-
खेलती लड़·ी ·ा अपने ार से बाहर नि·लना दूभर ·र
देते हैं. अर्थात ये अपने लिए अलग चरि ा रखते हैं, पर
दूसरे लड़·ों ·े लिए इन·े मन में आ·्रोश होता है ·ि ए·
भली खूबसूरत लड़·ी हाथ से नि·ली जा रही है.
संस्·ृति ·ी रक्षा ·े नाम पर ·ानून ·ो हाथ में ले·र जो
अमानवीय हर·तें 18 से 20 वर्ष ·े बजरंगी युव·ों ने ·ी
है शायद उ हें भी यह पता नहीं ·ी हम या ·रना चाहते
हैं. उ हें खुद नहीं मालूम ·ी हमने ऐसा यों ·िया. शायद
वे ऐसा इसलिए भी ·र गये यों·ि इले ट्रानि· मीडिया ·े
लोग अपने ·ैमरे ·े साथ फ्रे डशिप-डे पर स्पेशल स्टोरी
तलाश रहे थे, तभी इन बजरंगियों ·ी नजर ·ैमरे पर पड़ी
और हाईलाईट होने ·े नाम पर हुड़दंग ·र बैठे. आखिर
हम विरोध ·र रहे हैं, तो यह सब ·ो दिखना भी चाहिये.
तब न इन·ा विवे· ·ाम ·िया ना परि ााम ·ा इ हें यान
रहा. सारी ाटना ·ैमरे में ·ैद होती रही और इन स्थलों में
तैनात पुलिस ·ानून ·ो हाथ में लेने वालों ·ो खदेडने ·े
बजाय ाटना ·ा आनंद लेती रही.
बजरंग दल और धर्म सेना पर प्रतिबंध ·ी मांग ·ो ले·र
विपक्षी दल ·े नेताओं ने दूसरे दिन विधान सभा स ा ·े
दौरान जम ·र हंगामा मचाया, तब जा·र भाजपा सर·ार
·ा यान इस गंभीर और शर्मना· ाटना ·ी ओर गया और
आनन-फानन में ·ार्यवाही ·े आदेश दिये गये. गृह मं ाी
नन·ी राम ·ंवर ·े इस्तीफे त· ·ी मांग होने लगी, तब
·ंवर ·ो यह ·हना पड़ा ·ि 11 पुलिस ·र्मियों ·ो
निलंबित ·िया गया है. उ हें तबादला नीति ·े तहत वैसे भी
इधर से उधर ·िया जाना था. 15 दिनों से इस पर ·ाम चल
रहा था, पर जैसे ही यह ाटना ाटी और विधान सभा में
हंगामा हुआ एस. पी. दीपांशु ·ाबरा ने त ·ाल र्नि ाय लेते
हुए तबादला सूची जारी ·र दी और यारह पुलिस ·र्मियों
·ो निलंबित ·र दिया. उन·ा बयान है ·ि उन ·र्मियों ·ा
प्राथमि·ता ·े आधार पर तबादला ·िया गया जो ·ाफी
समय से ए· ही थाने में जमा थे. पुलिस ने प्रतिबंधा म·
·ार्यवाही सिर्फ इसलिए ·ी ·ि यह मुद्दा गंभीर मोड़ न ले
ले. दरअसल धर्म सेना और बजरंग दल स ाारुढ़ पार्टी ·ा
ए· अभिन्न अंग है, जिस पर ·ार्यवाही ·रना उन·ी
मजबूरी रही. फिर भी उन लोगों ·ी गिर तारी नहीं हो पायी
जि होंने इस बेहूदा ·ार्य ·ो अंजाम दिया. और आप आगे
देखेंगे ·ि जैसे ही यह मामला शांत होगा न तो ·ानून ·ोई
ए शन लिया जायेगा, न इ हें सजा मिलेगी.
इले ट्रॉनि· मिडिया वालों ने अपने-अपने चैनल में इसे
लगातार दिखा ·र या जाहिर ·रना चाहा, यह भी समझ
से परे है. इस विषय पर उ होंने विभिन्न लोगों ·ी प्रति·्रिया
ली और ए· विशेष परिचर्चा ·ी, जिसमें इस ाटना ·ो
शर्मना· जरुर बताया गया, ले·िन इस ·ार्य·्रम ·े दौरान
जिस ाटना·्रम ·ो इ होंने अपने ·ैमरे में ·ैद ·िया था,
उसे लगातार चलाते रहे. इ हें यह भी समझ नहीं आया ·ि
ए· तरफ हम ऐसे ·ृ य ·ा विरोध ·र रहे हैं, तो दूसरी
तरफ ए· ही द्श्ष्य ·ो दर्श·ों ·ो बार-बार दिखा रहे हैं,
जिसमें वे लड़·ियॉ फो·स हो रही थीं, जो इन पा·-साफ
धर्म ·े ठे·ेदारों ·े हाथों बेइ"ात हुई. या इन
बु िदजीवियों ने सोचा, जो उस परिचर्चा में शामिल थे ·ि
इस लीपिंग ·ो न दोहराया जाए? उन लड़·ियों ·ी
मन;स्थिति ·े बारे में इ होंने या ए· बार भी सोचने ·ी
जहमत नहीं उठाई, जो अब मानसि· रुप से ·िस ·दर टूट
गई होंगी. इसे बार बार दिखा ·र इले ट्रॉनि· मिडिया ने
इन लड़·ियों ·े साथ ·िसी रेप से या ·म ·ारगुजारी ·ी
है. इस ाटना ·ी परछाई उ हें ता-उम्र दर्द ·ा अहसास
·राती रहेगी.
दुखद पहलू यह भी रहा ·ि ए· भाई-बहन ·ो भी इन
बजरंगियों ने नहीं छोड़ा, जब·ि वे बार-बार ·ह रहे थे ·ि
हम भाई-बहन हैं. ए· स्थानीय चैनल में धर्मसेना प्रमुख ने
तो यहां त· ·ह दिया ·ि हम पहचान जाते हैं ·ि ·ौन
शादी-शुदा है और ·ौन प्रेमी. शायद वे इन युगल जोड़ी ·ी
हर·तों से अंदाजा लगाते होंगे. पर मैंने ऐसे भी पति-पत्नी
·ो देखा है, जो सार्वजनि· जगहों पर बाहों में बाहें डाल
·र ाूमते हैं. बाइ· में जब बैठते हैं, तो पत्नी अपने हाथ ·ो
या तो पति ·े ·ंधे पर रखती है या जां ा में या फिर पेट ·ो
·स ·र प·ड़ लेती है. मुझे यह सब देख ·र बुरा नहीं
लगता. फिर आप·ो ए· युगल प्रेमी ·े इसी अंदाज में
बैठना या ाूमना यों बुरा लगता है?
दरअसल आप अपने दिलो-दिमाग ·ो जब त· खुला नहीं
रखेंगे तब त· आप·ी सोच ·ा दायरा सं·्र्री ा रहेगा और
आप·ो हर छोटी-बड़ी बातें अश्लील लगने लगेगी. आप
शक्की हो जायेंगे और अपना, अपने परिवार, अपने नाते-
रिश्तेदारों ·ा अच्छा ·रने ·े चक्कर में वह सब ·र जायेंगे,
जो उ हें पीड़ा, ऑसू, दर्द और ाुटन देते रहेंगे. आप·ो ·ोई
बात पसंद नहीं आ रही है, तो उसे व्यक्त ·रने ·ा भी
तरी·ा होता है. ·िसी पर शारीरि· अ याचार ·र·े आप
या बताना चाह रहे हैं. और आप इस स्वतं ा भारत ·े
स्वतं ा नागरि· पर प्रहार ·रने वाले ·ौन होते हैं? या
आप·ो ·ानून अपने हाथों में लेने ·ा अधि·ार मिला हुआ
है?
जब त· ऐसे लोगों पर ·ड़ी ·ार्रवाई नहीं ·ी जायेगी तब
त· हमें अपने ार ·ी बहू-बेटियों ·ो ·ड़े बंधनों में
रखना पड़ जायेगा. इन·े उग्र प्रति·्रिया पर त ·ाल प्रतिबंध
लगाना आवश्य· है अ यथा ये छ ाीसगढ़ जैसे शांत रा य में
न जाने ·ैसे-·ैसे नियम बना ·र हमारा जीना दूभर ·र
देंगे.
शशि परगनिहा

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