Tuesday, July 26, 2011

ए· दर्दना· मौत

ए· दर्दना· मौत
हम तब सचेत होते हैं जब हमें चोट पहुंचती है. हमें नु·सान होता है या भविष्य ·ी योजनाओं में नजर डालते हैं, तब लगता है
·ि ये हमारे लिए खतरना· साबित होगा, तो यों ना वहां मरहमपट्टी ·र ली जाए. ·ुछ ऐसा ही देश ·े नेता ·रते हैं. चुनाव में
विजयी होने ·े बाद वे फूल-मालाओं से ढ·े तुपे रहते हैं. जब वह गले से उतरता है तो ाोष ााओं ·ा पिटारा खोल देते हैं और
अखबारों में अपनी फोटो ·े साथ लंबे-चौड़े बयान दे·र लोगों ·ो खुश ·रने में लग जाते हैं. उस·े बाद यह देखने ·ी ·ोशिश
नहीं ·रते ·ि उन ाोष ाा पर अमल हुआ या नहीं. प्रदेश ·े मुखिया ·ा यह ·ाम होता है ·ि उन·े मं ाीग ा या ·ह रहे और
·र रहे हैं. उ होंने ·ब या ·हा और उस·ा या हुआ. ले·िन न तो नेताओं ·ा अपने अधिर·ारियों पर उचित लगाम होता है ना
ही ·िसी ·ार्य या ाोष ााओं ·ी प्रगति ·ी गंभीरता से समीक्षा ·ी जाती है.
अभी हाल ही में न सली वारदातें छ.ग. में तेजी से बढ़ी है, जिस·े अधि·तम शि·ार हमारे जवान एवं निरीह ग्रामी ा हो रहे हैं.
यह अलग बात है ·ि मैनपुर ·े पास ·ांग्रेसियों ·ो गलत सूचना ·े चलते हादसे ·ा शि·ार होना पड़ा. इन बीहड़ जंगली क्षे ाों में
ही यों हादसे, दुर्धटनाएं एवं वारदातें होती है? इस·ा विस्तार से ·ार ा या समाधान ·ी बात ·रनी बेमानी होगा यों·ि हर
संवेदनशील जागरू· नागरि· ·ो पता है ·ि ऐसे त वों से ·ैसे और ·हां निपटा जा स·ता है ले·िन हमारे नेताग ा एवं प्रमुख
अधि·ारी यह ·ह ·र अपना पल्ला झाड़ लेते हैं ·ि ·े द्र सर·ार से जैसी मदद चाहिए नहीं मिल पा रही है. अब आम जनता
भी समझने लगी है ·ि प्रदेश और देश में भि न-भि न पार्टी ·े स ाा में बैठने ·ी वजह से ए· दूसरे पर दोषारोप ा ·र अपना
उल्लू साधा जा स·ता है.
मुझे विचलित ·िया उस ाटना ने जो ·ेश·ाल क्षे ा ·े नि दीडीह गांव ·ी मेहतरीन मर·ाम ·े साथ ाटी. गौर ·रें उस व त
हमारे मु य मं ाी बीजापुर में थे और जिला मु यालय में 60 ·रोड़ रूपये ·ी लागत से 30 विभि न वि·ास और निर्मा ा ·ार्यों ·ा
लो·ार्प ा और भूमि पूजन ·े साथ खेल सुविधा ·े नाम पर लॉन टेनिस ग्राउ ड ·ी सौगात देते फोटो खिंचाने में व्यस्त रहेे, जब·ि
उस समय ए· महिला अपनी बीमारी और गरीबी ·े चलते दर्दना· मौत ·ो गले लगा रही थी. आज ·े अखबार में मु य मं ाी
·ी फोटो और ाोष ााएं प्र·ाशित ·ी गई हैं, जो उन·ी ाोष ााओं ·ो झुठलाने में सहाय· है.
हम देख और समझ रहे हैं ·ि छ.ग. ·े आम व्य ित ·ो वो बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही है, जिस·े वे ह·दार हैं. ग्रामी ा
एवं आदिवासी इला·ों ·ो आप छोड़ ही दें शहरी या ·हें राजधानी में भी ना शिक्षा, स्वास् य, शु द पेयजल, रोजगार ·ी ·ोई
सुविधा जि हें गरीबी में उ हें व उन·े परिवार ·ो मिलनी चाहिए मिल पाती है, तो ग्राम, ·स्बा या बीहड़ अंचलों में निवासरत
लोगों ·ो ·िस तरह ·ी सुविधा मिलती होगी इस·ी ·ल्पना ·रने मा ा से रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
नि दीडीह ·ी मेहतरीन मर·ाम ·ो खून ·ी ·मी ·े साथ मलेरिया ने ज·ड़ लिया था. उस·े परिजनों ने ·ेस·ाल ·े सर·ारी
अस्पताल में उस·ा इलाज शुरू ·राया, ले·िन इतने बड़े अस्पताल में ए· गरीब महिला ·े लिए खून चढ़ाने ·ी सुविधा नहीं होने
से उसे यह ·ह ·र छुट्टी दे दी गई ·ि इसे ·ां·ेर ले जाए. वहां ·े डा टरों ने यह सोचना मुनासिब नहीं समझा ·ि आखिर
गंभीर रूप से बीमार महिला ·ो जिन·े पास रूपये-पैसे नहीं हैं ·िस तरह से ·ां·ेर त· ले·र जाएंगे. गरीबी ने महिला ·े
परिजनों ·ो बीमार महिला ·ो गोदी में उठा ·र ले जाने मजबूर ·र दिया. ·ेस·ाल से ·ां·ेर ·ी दूरी 30 ·िलो मीटर ·ी है
और ·ेस·ाल ·ी ााटी जिसमें अने· जगह ाुमावदार रास्ते हैं जिसमें ·भी ढलान है तो ·भी चढाई वे ·ैसे ए· बीमार महिला
·ो ले·र यह साहस दिखाए, सोच ·र मन द्रवित हो जाता है. बद·िस्मती देखिए ·ि उ त महिला ने समय पर इलाज नहीं मिल
पाने से बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
अब जब यह बात खुल·र सामने आयी तो ·ां·ेर ·े डा टर ·ह रहे हैं ·ि समय पर महिला ·ो लाया जाता तो उस·ी जान
बचायी जा स·ती थी. वहीं ·ेस·ाल ·े प्रमुख अधि·ारी ·ह रहे हैं ·ि यह बात मेरी जान·ारी में नहीं है. या ए· बीमार ·ा
इलाज ·र उसे जीवनदान देते ·ा सं·ल्प लिए डा टर इतने संवेदनहीन हो गये हैं ·ि उस महिला ·ो ए· ए बुलेंस ·ी सुविधा
मुहैय्या नहीं ·रा पाये. या यही मेरा प्रदेश है जहां आपसी भाईचारा ख म हो गया है और लोग अमीर-गरीब में भेदभाव ·रने से
चू· नहीं रहे हैं. या होगा मेरे छ ाीसगढ़ ·ा?
शशि परगनिहा
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