Wednesday, November 9, 2011

श्याम राव उर्फ स्वामी अग्निवेश

श्याम राव उर्फ स्वामी अग्निवेश
नाम- श्याम राव उर्फ स्वामी अग्निवेश
जन्म- 21 सितम्बर सन् 1939
भाई- अप्पा राव, जगन्नाथ राव, बलभद्र राव और जगदीश राव
बहन- लक्ष्मी राव और नरसुख राव
नाना- दाशरथी राव, जो छत्तीसगढ़ के सक्ति राजा लीलाधर सिंह के दीवान थे.
दाशरथी राव की बेटी (अग्निवेश की मां) आंध्र प्रदेश में ब्याही गई.
अग्निवेश की मां अपने पति के निधन पश्चात 7 बच्चों के साथ पिता के पास छत्तीसगढ़ के सक्ति में आ गई.
पढ़ाई- आदर्श विद्या मंदिर पूर्व माध्यमिक सक्ति में 8 वीं तक की पढ़ाई.
डिग्री- कोलकाता कालेज से कानून और अर्थ शास्त्र की डिग्री.
नौकरी- 1963 से 1968 तक कोलकाता में सेंट जेवियर कालेज में बिजनेस मैनेजमेंट के लेक्चरर रहे.
राजनीति- 1970 में आर्य समाज नाम से राजनैतिक पार्टी का गठन.
मंक्षी- 1977 में हरियाणा में विधान सभा चुनाव लड़े. विजयी होने पर हरियाणा में 1979 से 1982 तक शिक्षा मंत्री के पद पर रहे.
गठन- 1981 में बांडेड लेबर लिबरेशन फ्रंट का गठन किया, जिसके दो बार चेयर पर्सन बने.
आर्य समाज- वर्ल्ड काउंसिल आॅफ आर्य समाज की स्थापना की.
पहचान मिली- बंधुआ मजदूरों की मुक्ति के लिए बंधुआ मुक्ति मोर्चा का काम करने से.
बखेड़ा- 2005 में ओड़िशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के पट (दरवाजा) गैर हिन्दुआो के लिए खोलने की बात कहने पर विवाद में आये. तब पंडितों ने उन्हें हिंदू विरोधी विचारधारा वाले व्यक्ति कह बखेड़ा खड़ा किया.
पथराव- मार्च 2010 में छत्तीसगढ़ के बस्तर (नक्सली क्षेत्र) में नक्सली हमले का जायजा लेने पहुंचे तो उनकी कार में पथराव हुआ.
आस्था पर सवाल- अमरनाथ यात्रा व हिंदुओं की आस्था पर सवाल उठा फिर चर्चा में आए. उन्होंने बयान दिया कि बर्फानी बाबा अमरनाथ बर्फ का टुकड़ा है. न्यायालय में यह मामला चल रहा है.
विवाद- अन्ना हजारे के आन्दोलन का समर्थन किया. 16 अगस्त 2011 को उन्होंने कपिल मुनि से मोबाइल में बात करते हुए कहा कि अन्ना हठी और पागल हाथी हैं. इसकी सीडी जारी होने के बाद विवाद शुरू हुआ और अन्ना कोर कमेटी की सदस्यता से उन्हें हटा दिया गया.
चकाचौंध- कलर्स चैनल के कार्यक्रम बिग बॉस के घर के अंदर आज 9 अगस्त 2010 को प्रवेश.
वे सुर्खियों में बने रहने का मोह त्याग नहीं पा रहे हैं. अब यहां से समाज सेवा के लिए सन्यास धारण करने वाले श्याम राव उर्फ अग्निवेश उन महिलाओं और कन्याओं के साथ चौबीसों घंटे साथ रहेंगे और उनकी तरह वैसा ही खान-पान करेंगे. अब देखना यह है कि स्वामी अग्निवेश यहां कैसे-कैसे अग्नि बाण छोड़ते हैं, आप सभी तैयार रहें.

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