Friday, March 1, 2013

घर किले में तब्दील





घर किले में तब्दील
हद हो गई. अपने ही घर में प्रवेश करने कूद-फांद करना पड़ रहा है. रात में ऐसे घर पहुंचना जैसे चोरी करने एक दीवार से दूसरे घर की दीवार फांद रहे हों और कोई देख ना लें यह भी भय बना रहे.
रात में डयूटी कर लौटती हूं तो क्या देखती हूं मेरा घर किसी राजा का किला बन गया है, जिसके चारों ओर 4 से 6 फीट चौड़ा और लगभग उतना ही गहरा खड्डा है. अब करें तो क्या करें? गनीमत रही कि पड़ोसी का डोर बेल स्वीच उनके घर की चारदीवारी में है. बेल बजाने से 5 मिनट बाद उनका दरवाजा खुला. मुझे देख चकराये से उनके चेहरे में प्रश्न दिख रहा था. मैंने कहा-मुख्य द्वार का ताला खोल दें तो अपके बाउण्ड्रीवाल से कूद कर अपने घर पहुंच सकूं.
उन्होंने ताला खोला और कहा- आप अपनी गाड़ी कहां रखेंगी?
- एक पड़ोसी को नींद से जगाया है अब पड़ोसी के पड़ोसी के पड़ोसी के पड़ोसी के घर अपनी एक्टिवा को रख लेने निवेदन करना पड़ेगा.
खैर एक्टिवा को पनाह मिल गयी, पर उसे लॉक कर रही थी तो मेरी चुन्नी उसमें फंस गयी, जैसे कह रही हो- मुझे अपने से दूर कर दुखी नहीं हो रही हो? मैं हमेशा तुम्हारे साथ रही. तुम डयूटी करती रही तो मैं प्रेस के स्टैण्ड में कुछ ही मीटर की दूरी में रही. तुम रात में घर पर रही तो पोर्च में एक दीवार के फासले में रही. अब ऐसा क्यों कर रही हो. मुझे अपने साथ ले चलो. मुझे यहां रात नहीं काटनी.
मैंने उससे विदाई लेते हुए कहा लगता है हमारी दोस्ती लोगों को रास नहीं आ रही. जालिम जमाना हमें जुदा करने षडयंत्र कर रहा है. कोई बात नहीं जैसे ही नाली निर्माण का काम हो जायेगा मैं तुरंत घर का पाटा बनवा लूंगी, पर एक सप्ताह की दूरी तुम्हें सहन करना होगा. हम दिन में साथ ही रहेंगे रात के कुछ घंटे तन्हा-तन्हा गुजारना होगा.
सुन्दर नगर कालोनी में इन दिनों अच्छे-खासे नाली को तोड़ कर उसका पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके कारण मेरी लाइन के सभी घरों का पाटा टूट गया है. मेरे घर का पाटा मेरी अनुपस्थिति में मेरी अनुमति के बगैर कैसे तोड़ा गया इस बात से गुस्सा थी. सुबह जब ठेकेदार आया तो तमतमा कर मैंने अपना विरोध जाहिर किया और उसी वक्त महापौर से बात की. ठेकेदार अब लड़खड़ाया क्योंकि निविदा तो किसी और ने भरा और उसने किसी और को ठेका दे दिया है. उस पर कहता है पाटा हम बना देंगे, जो खर्चा आयेगा दे देना. ये क्या बात हुई. तोड़ो तुम और हर्जाना हम दें. पूरी बात महापौर से होने पर उन्होंने निश्चिंत रहने कहा है. आश्वासन दिया है आपके घर का पाटा जैसा था वैसा ही बना कर दिया जायेगा. पार्षद और उस वार्ड के अधिकारी को फोन कर दिया है. देखें नेताओं के हां-हां में कितना दम है.
शशि परगनिहा
1 मार्च 2013, शुक्रवार
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1 comment:

  1. जिसकी लाठी उसकी भैंस का राज है,चुनाव करीब होता तो सब सुनते हैं.

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